हो जाती फिर से सतरंगी सी बरसात मनरंगी सी बात। हो जाती फिर से सतरंगी सी बरसात मनरंगी सी बात।
बच्चे रो रहे थे, बूढ़े सो रहे थे; बाकी रेल-व्यवस्था को गाली दे रहे थे। बच्चे रो रहे थे, बूढ़े सो रहे थे; बाकी रेल-व्यवस्था को गाली दे रहे थे।
कभी पटरी पे रहते तो कभी लकीरों से परे चलते कभी पटरी पे रहते तो कभी लकीरों से परे चलते
यह जो तुमने अखण्ड मौन धारण किया है अर्थ तो जानती हो ना इसका ? यह जो तुमने अखण्ड मौन धारण किया है अर्थ तो जानती हो ना इसका ?
थक चुका हूँ अब मैं इन का मोल चुकाते चुकाते थक चुका हूँ अब मैं इन का मोल चुकाते चुकाते
मैं तो हूं एक ट्रेन की पटरी चार माह से तेरे राह में तरसी! मैं तो हूं एक ट्रेन की पटरी चार माह से तेरे राह में तरसी!